जन्मकथा बुद्ध की दीर्घ
जन्मकथा बुद्ध की दीर्घ
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यह कहानी है एक राजकुमार का, जो धरती पर उत्कृष्ट हुआ था। उसका नाम शिव था और वह एक महान राजकुमार था।
- नैतिकता की खोज में निकलकर वह भिक्षु बन गया।
- अपनी प्रवास से उसने सभी को ज्ञान दी।
- धर्म पर चलकर वह बुद्ध प्राप्त हुआ ।
गौतम बुद्ध की प्रथम उपदेश
गौतम बुद्ध के जीवनकाल में, उन्होंने अपने महामंत्र को वापसी यात्रा में
सार्वजनिक रूप से/निज निवास स्थान पर/अस्पष्ट प्रस्थान read more में दिया। यह उपदेश उनके {मानव जीवन के अनुभवों का परिणाम था/मनन की गहरी परिणति थी । उनका प्रज्वलित संदेश मानवता को जिज्ञासु/शान्तिपूर्ण/निर्मल मार्ग पर ले गया।
- उपदेश के मुख्य मुद्दे थे / उपदेश की आधारशिला थी
- मानव जीवन का दुःख/जीवन की विनाशकारी परिस्थिति /संसार का निराशा
- {मोक्ष प्राप्ति का मार्ग/निर्वाण /आत्मा का उदय
श्रीलंका में बुद्ध का दर्शन
यह एक भूमि है जो उसके ऐतिहासिक परंपरा के लिए प्रसिद्ध है. यहां, बुद्ध से ज्ञान का निशान स्पष्टतः महसूस किया जा सकता है. यहाँ, विभिन्न शक्तिशाली मंदिर हैं जो बुद्ध धर्म को प्रकाशित करते हैं .
- कुछ मंदिरों में उदाहरण के लिए, महाबुद्ध प्रमुख हैं . इन स्थलों पर एक व्यक्ति {बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को गहराई से समझ सकता है.
कुरनगर में बुद्ध के चमत्कार
एक प्राचीन नगर, कुड़नगर अपने इतिहास में एक अद्भुत स्थान है। यहाँ बुद्ध का दौरा हुआ था और उनके दर्शन से ही यह नगर खूबसूरत हो गया। कहा जाता है कि बुद्ध ने यहाँ कई चमत्कार किया किए, जो आज भी लोगों की जुबान पर ताजा हैं। ग्रामीणों का मानना है कि बुद्ध के चमत्कार आज भी कुड़नगर में उभरते हैं।
बुद्ध और मारासूर का संवाद
एक समय होना था, जब भगवान बुद्ध अपने अनुयायियों के साथ वाणिज्यिकक्षेत्र में गए थे। वहाँ उन्हें एक बलशाली योद्धा मारासूर ने मिलना हुआ । मारासूर बुद्ध की महिमा को जानता था, फिर भी वह उनसे बहस करना चाहता था। उसने कहा, "मुझेआध्यात्मिक ज्ञान नहीं चाहिए , मुझे शक्तियुद्ध के लिए शक्ति की आवश्यकता है ।"
यह मारासूर का प्रश्न एक अमिट छाप छोड़ गया। बुद्ध ने {उसकेउत्तर दिया और मारासूर को {आध्यात्मिक{ज्ञानकी महत्ता के बारे में बताया ।
बुद्ध का महानिर्वास
प्रभु गौतम बुद्ध ने मध्य भारत में बहुत समय के लिए जीवन व्यतीत किया। उनका महापरिनिर्वाण लगभग 2500 वर्ष पूर्व हुआ था। उनकी मृत्यु एक शांत और शांत वातावरण में हुई थी। उनके निधन के बाद, उनके अनुयायी उनका निमंत्रण करते हैं और उनकी शिक्षाओं का पालन करते हैं। बुद्ध की शिक्षाएं आज भी दुनिया भर में लोगों को मार्गदर्शन करती हैं।
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